माँ की ममता (Mother’s Love)

माँ की ममता  (Mother’s Love)

 

ये कहानी नहीं एक सच्चाई है , कहानी उस महान ब्यक्ति की है जिसका नाम लेते ही श्रद्धा के साथ सर झुक जाता है।  जिसे हम माँ कहते हैं. माँ सब्द में इतनी गहराई है की ये इसके आगे ये ब्रम्हाण्ड (Universe)  कम पड जाता है। कहते हैं माँ के पैरों तले जन्नत होती है. जैसा की हमें पता है की इस ब्रम्हाण्ड (Universe)  में अनेको रिश्ते हैं जैसे भाई बहन, भाई भाई , बाप बेटा ,पति पत्नि ,बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड ऐसे ही बहुत सारे रिश्तों मैं एक रिस्ता है माँ और बेटे का कुछ भी कह लीजिये चाहे पशु हो या पक्छी या इंसान, माँ तो माँ ही होती है कहते हैं माँ का प्यार इस जग में अनमोल है. इंसान चाह कर भी मरते दम तक भी माँ का कर्ज़ नहीं उतार सकता. 

 

  माँ अपने बेटे को इस कदर प्यार करती है की बेटे की बड़ी से बड़ी गलतियों को भी छड़ भर में माफ़ कर अपने गले लगा
लेती है
कहते हैं की अगर
एक इंसान को इस दुनिया में सबसे ज्यादा कोई जनता है तो ओ है माँ
, कोई माँ अपने बेटे को तब से उसे मह्सुश करती है
जब से वह उसकी गर्भ में अवतरित होता है।
उसकी हर एक हरकत से वाकिफ होती है आखिर क्यों नहीं आखिर बेटा माँ के
सरिर  का एक टुकड़ा ही तो होता है तभी तो माँ
कहती है (मेरा बेटा मेरी जिगर का टुकड़ा है)

एक दिन वही टुकड़ा
बड़ा होकर एक मनुषय का रूप धारण कर लेता है और आगे चलकर वही बेटा माँ के प्यार को
भुला देता है और उसे दर- दर की ठोकरें खाने के लिए अकेला छोड़ देता है. लेकि एक वो
किस्मत वाले होते है जिनको माँ का सच्चा प्यार नसीब होता है।  और वो मरते दम तक अपनी माँ का साथ निभाते हैं। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बड़े होकर माँ के सच्चे प्यार की कदर किये बिना उसे भुला देते हैं।  और ऊँची आवाज में बात करते हैं गालियाँ तक दे
देते हैं यही नहीं कभी – कभी तो उसपर हाथ तक उठा देतें हैं। 



 ऐसे इंसान को कभी भी लाइफ में खुशियां नसीब
नहीं होती। और दर – दर की ठोकरें खाते रहतें हैं।

   दोस्तों अच्छे और सच्चे  इंसान (बेटा ) को कभी भूल से भी अपनी माँ का दिल नहीं दुखाना चाहिए।

लेकिन इतना सबकुछ
होने के बाद भी माँ का दिल इतना कोमल होता है की वो अपने बेटे की सारी गलतियों को
माफ़ कर अपने गले लगा लेती है।  और वो
खुशनसीब लोग होते हैं जिनको माँ की गोंद नसीब होती है। माँ की गोंद मिलते ही ऐसा लगता है। जैसे की दुनियां का सुख एकतरफ और माँ की गोद
का सुख एक तरफ। उस सुख के आगे इस संसार का लग्जरी भी   आराम भी फीका लगने लगता है।
       इसलिए हमसबको तहेदिल हे नमन करना चाहिए उस माँ को जिसकी वजह से हम और आप इस दुनियां में आये  हैं ।


“एक बार माँ से पूछा गया कि आप कब तक अपने बेटे को  सीने से लगाकर रखोगी, तब माँ ने ज़वाब दिया जब तक मुझे चार लोग अपने कंधों पर उठा नहीं लेते”

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